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परियों की कहानी  हमेशा अच्छाई की सीख देती है । परियों को भी समझ में आता है कि कौन एक अच्छा इन्सान है और कौन बुरा इन्सान । परियां भले लोगों की मदद करती हैं और दुष्ट लोगों को पसंद नहीं करती हैं । यह स्पैनिश कहानी भी दो ऐसे कुबड़ों के बारे में है जिनमें से एक को तो उसके अच्छे स्वभाव के कारण परियों ने स्वस्थ कर दिया और दूसरे को उसके बुरे स्वाभाव के कारण ……

 

परियों की कहानी

एक था कुबड़ा, तोनिनो । वह स्पेन के किसी गांव में रहता था । बड़े-बूढ़ों को आदर से नमस्कार करता । बच्चों के बार-बार छेड़ने और तंग करने पर भी उसे गुस्सा न आता।

वह बच्चों को किस्से-कहानियां सुनाता । ऐसे-ऐसे चुटकुले सुनाता कि बच्चे हंसी से लोटपोट हो जाते । गांव में किसी के घर कोई भी समारोह होता तो तोनिनो को आग्रहपूर्वक बुलाया जाता । इसका कारण यह था कि तोनिनो बहुत अच्छा गाता था। उसकी आवाज – मीठी और सुरीली थी।

गांव के पास एक पहाड़ी थी । तोनिनो इसी पहाड़ी पर बकरियां चराने जाता था। वह एक गिटार अपने साथ रखता था । बकरियों को चरने के लिए छोड़ देता । स्वयं कभी किसी चट्टान पर और कभी किसी पेड़ के नीचे बैठकर सुरीली आवाज में गीत गाता और गिटार बजाता तो पहाड़ी का कोना-कोना तोनिनो के गीतों से गूंज उठता।

एक दिन तोनिनो रोज की तरह बकरियां चराने के लिए पहाड़ी पर गया । मौसम सुहावना था । वह एक पेड़ की मजबूत टहनी पर जा बैठा । गिटार बजाने लगा। उस दिन गिटार बजाने और गाना गाने में उसे कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था। गिटार बजाते और गाना गाते हुए शाम हो गई । लेकिन तोनिनो का मन नहीं भरा । घर जाने की इच्छा न हुई। वह गाने-बजाने में लगा रहा।

पता नहीं कब पेड़ पर बैठे-बैठे ही उसकी आंख लग गई। आधी रात को उसकी नींद टूटी । पर कानों में पड़ने वाली मधुर ध्वनि ने उसे फिर सोने न दिया । तोनिनो ने ध्यान से सुना तो लगा कि कोई पास में ही गा रहा था।

तोनिनो ने इधर-उधर देखना शुरू किया तो पाया कि आवाज कहीं ओर से नहीं, पेड़ के नीचे से आ रही थी। वहां कई परियां घेरा बनाकर नाच-गा रही । । उनका गीत सुनकर तोनिओ से न रहा गया । बोला- “परियो । मेरा संगीत तुम्हें अच्छा लगेगा।”  यह कहकर उसने गिटार बजाते हुए गाना शुरू कर दिया।

परियों को तोनिनो का गाना बजाना बहुत अच्छा लगा। वे बेहद खुश हुई और तोनिनो की आवाज में आवाज मिलाकर गाने लगीं। सहसा एक परी बोली-“आप कौन हैं और कहां छिपे हुए हैं ? हमारे साथ मिलकर क्यों नहीं गाते ?” फिर सारी परियों ने मिलकर अनुरोध किया।

तोनिनो परियों का अनुरोध न ठुकरा सका । वह पेड़ से नीचे उतर आया और परियों के साथ नाचने-गाने लगा ।

तोनिनो और परियों ने जी भरकर गाना गाया । परियों को सुबह होने से पहले अपने देश लौटना था इसलिए सुबह होने से थोड़ी देर पहले परियों ने नाचना-गाना बंद कर दिया। उन्होंने तोनिनो से कहा- “आपके साथ हमारी आज की रात बहुत आंनद से बीती है । हम आपसे बहुत खुश हैं । आप कोई वरदान मांग लें । आप जो मांगेंगे,उसे देने में हमें खुशी होगी।”

तोनिनो ने कुछ नहीं मांगा । उसने यही कहा कि उसे किसी वस्तु की जरूरत नहीं है । परियों ने कई बार वरदान मांगने को कहा,फिर भी तोनिनो ने हर बार एक ही उत्तर दिया- “मेरे ऊपर प्रभु की अपार कृपा है । मैं अपने जीवन में किसी प्रकार का अभाव महसूस नहीं करता।” अंत में परियां बोलीं-“हमें अब जाना है इसलिए जल्दी कीजिए। यदि आप कुछ नहीं मांगेंगे तो हमें दुःख होगा।”

तोनिनो बोला–“आप उदास न हों। मैं नहीं चाहता कि आप यहां से दुखी मन से जाएं। आप वरदान ही देना चाहती हैं तो मेरा कूबड़ ठीक होने का वरदान दे दें।” यह सुनते ही एक परी ने अपने हाथ तोनिनो के कूबड़ पर रख दिए । उसे कुछ देर तक दबाती रही । फिर अपनी सखियों के साथ आकाश में उड़ गई।

तभी तोनिनो को मुर्गे की बांग सुनाई दी। वह अपने घर की ओर रवाना हुआ । उसे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि अब वह बिलकुल सीधा चल सकता था । उसने अपना हाथ पीछे , ले जाकर रखा  तो पाया कि वहां कूबड़ नहीं था। परियों के चमत्कार पर तोनिनो प्रसन्न हो उठा।

तोनिनो अपने गांव पहुंचा । पीठ का कूबड़ गायब हो जाने से वह बहुत सुंदर लग रहा था । गांव वाले उसे देखकर ठगे-से रह गए। गांव के एक-एक आदमी ने तोनिनो से पूछा कि उसका कूबड़ कहां गया ? तोनिनो ने सारी बात सच-सच बता दी । गांव वालों ने परियों को बहुत धन्यवाद दिया ।

तोनिनो का कूबड़ दूर हो जाने का समाचार पड़ोस के गांव में भी पहुंचा । वहां भी एक कुबड़ा नवयुवक रहता था । नाम था मीगुएल । उसने सोचा कि तोनिनो से तुरंत मिलना चाहिए। हो सकता है कि उसका कूबड़ भी खत्म हो जाए । यह सोचकर वह तोनिनो के पास पहुंचा । तोनिनो बड़े प्रेम से मिला । सारी बातें विस्तार से बताते हुए उसने कहा–“आपको पहाड़ी पर अवश्य जाना चाहिए । मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपका कूबड़ भी दूर हो जाएगा।”

मीगुएल तोनिनो द्वारा बताई गई पहाड़ी पर पहुंचा । वह चिड़चिड़े स्वभाव का व्यक्ति था । आवाज एकदम कर्कश थी । जब बोलता तो ऐसा लगता कि किसी से झगड़ा कर रहा हो । उसे गाना भी नहीं आता था । उतावलापन भी बहुत अधिक था । वह तोनिनो द्वारा बताए गए पेड़ पर जा बैठा । परियों के आने की प्रतीक्षा करता रहा । जब तक परियां नहीं आईं, तब तक मन ही मन भुनभुनाता रहा । परियों को कोसता रहा । ठीक आधी रात के समय परियां आईं । उन्होंने नाचना-गाना शुरू किया।

पेड़ से नीचे उतर कर परियों के साथ-साथ मीगुएल भी गाने लगा।

मीगएल की कौए जैसी कर्कश आवाज सुन, और उसे अपने सामने खड़ा देख, परियां गुस्से से भर उठीं । वे आपस में कहने लगी- “यह हमारा मित्र नहीं हो सकता।’

परियों की बात सुन, मीगुएल को गुस्सा आ गया। वह चीखकर बोला- “हां, हां, मैं भी  तुम्हारा  मित्र नहीं  बनना चाहता । मुझे तो अपना कूबड ठीक कराना है, उसी तरह जैसे तोनिनो का हुआ है।”

“क्या तुम्हें तोनिनो की तरह गाना आता है ?” एक परी ने पूछा।

“मेरा गला तोनिनो से मीठा है उसमें ऐसी क्या बात है जो तुम उसकी तारीफ कर रही हो । मैं उससे नफरत करता हूं।”-मीगुएल ने कहा।

इतना सुनते ही परियां आगबबूला हो उठीं । सबने मिलकर मीगुएल को पकड़ा और पहाड़ी से लुढ़का दिया । वह फिसलता हुआ नीचे जा गिरा और बेहोश हो गया ।

जब मीगुएल को होश आया तो दिन निकल आया था । उसका सारा बदन टीस रहा था। वह जैसे-तैसे उठा, तो उसने तोनिनो को अपनी ओर आते देखा। उसे देखते ही मीगुएल रो पड़ा । उसने तोनिनो को रात की पूरी घटना बता दी।

तोनिनो उसे सहारा देकर अपने घर ले आया। उसके बदन पर दवा लगाई । फिर बोला- अब कुछ दिन तुम मेरे पास रहो । ठीक हो जाओ तो चले जाना ।”

तोनिनो का व्यहार देखकर मीगुएल की आंखों में आंसू आ गए। उसने कहा-“दोस्त, मुझे अपने बुरे व्यवहार का दंड मिला है। मैंने परियों के सामने तुम्हें बुरा-भला कहा था। मैं तुमसे माफी मांगता हूं।”

तोनिनो ने मीगुएल की पीठ थपथपाई और बोला-“दोस्त, जो हुआ उसे भूल जाओ। परियां दूसरों की भलाई करती हैं । वे अच्छी होती हैं। हां, लालची आदमी उन्हें बुरा लगता है।”

“अब मेरा कूबड़ कैसे ठीक होगा? परियां मुझे कैसे क्षमा करेंगी।”-कहता हुआ मीगुएल रोने लगा। मित्र की दशा देखकर तोनिनो की आंखें भी भीग गई लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था ।

(साभार–डा. ओम्प्रकाश सिंहल )

 

Moral of the Story- हमनें क्या सीखा ?

  1. अच्छे स्वाभाव के व्यक्ति को सभी पसंद करते हैं ।

  2. शरीर सुन्दर होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है चरित्र का सुन्दर होना ।

  3. सुखी रहने के लिए संतोष ही काफी होता है ।

  4. ईर्ष्यालु व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता ।

 

FAQ 

परियों की कहानी क्या होती है ?

परियों की कहानी जादू-टोने, दुष्ट राक्षस, चमत्कारों से भरी वे कहानियां होती है जिनके केंद्र में परियां होती हैं ।

परियां कौन होती हैं ? वे कैसी होती हैं ?

सामान्य रूप से परियों के बारे में बचपन से ही बताया जाता है कि परियां बहुत ही सुंदर होती हैं,वे आसमान में रहती हैं और उनके पंख भी होते हैं। परियां बहुत दयालु होती हैं और बच्चों व् मुसीबत में पड़े अच्छे लोगों की मदद भी करती हैं ।

परियों की कहानी मजेदार क्यों होती हैं ?

परियों की कहानियां मजेदार इसीलिए होती हैं क्योंकि ये बहुत ही सरल, अच्छाई से भरी हुयी और बच्चों की कल्पना के बहुत निकट होती हैं।

सबसे लोकप्रिय परियों की कहानी क्या है?

वैसे तो परियों की बहुत सी कहानियां लोकप्रिय हैं लेकिन उनमें से सिंड्रेला की कहानी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है । सिंड्रेला की कहानी विश्व के लगभग सभी देशों में लगभग हर पीढ़ी के बच्चे ने सुनी है और आज भी बच्चे इसे पसंद करते हैं ।

 

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