
नवाब साहब के बारे में मशहूर था कि वो फनकारों और होशियार लोगों की बड़ी कद्र करते थे।
एक बार नवाब साहब शिकार खेलने के लिए जंगल में गए। शिकार के पीछे भागते भागते नवाबसाहब रास्ता भटक गए। भटकते भटकते उन्हें रात हो गई।
दूर एक जगह उन्हें रोशनी दिखाई दी वे रोशनी की तरफ बढे ।वहां झोपड़ी में एक बुजुर्ग बैठा हुआ मिला। एकदम मुस्तैद !
नवाबसाहब ने उस से रास्ता पूछा और कहा कि तुम यहाँ क्या करते हो?
बुजुर्ग ने जवाब दिया कि मैं जमीदार की खेती की रखवाली करता हूँ; बदले में मुझे एक पाव आटा रोज का मिलता है।
नवाबसाहब को लगा बुजुर्ग आदमी तजरबे कार है इसको साथ ले चलना चाहिए।
नवाब ने कहा तुम मेरे साथ चलो में तुम्हें रोज का आधा किलो आटा दे दिया करूँगा। बुजुर्ग तैयार हो गया। दोनों महल में चले गए । बुजुर्ग को एक कमरा दे दिया गया। बुजुर्ग वहीँ आराम से रहने लग गया।
एक दिन एक घोड़े का व्यापारी घोड़े बेचने आया ।
नवाबसाहब को एक घोडा बहुत पसंद आगया ।
उसने सोचा कि इसमें बुजुर्ग कि भी राय ले ली जाय।
उसने बुजुर्ग को बुलाया और कहा ये घोडा कैसा है?
बुजुर्ग ने घोड़े के शरीर पर हाथ फेरा और बताया कि घोडा तो बहुत सुन्दर है पर गहरे पानी में घोडा बैठ जाएगा।
नवाबसाहब ने बुजुर्ग की सलाह को न मानते हुए घोडा खरीद लिया ।
कुछ दिन बाद जब नबाव साहब उसी घोड़े पर शिकार के लिए जा रहा था तो रास्ते में एक नदी पर करते हुए जब घोडा गहरे पानी में गया तो बैठ गया।
नबाव को बुजुर्ग की बात याद आ गई वह वापस आ गया और बुजुर्ग को बुला कर पूछा कि तुम्हें कैसे पता लगा कि घोडा गहरे पानी में बैठ जाएगा?
बुजुर्ग ने बताया कि जब में ने घोड़े के शरीर पर हाथ फेरा तो मुझे उसके जिगर में गर्मी महसूस हुई जिस से लगा कि घोडा गहरे पानी में बैठ जाएगा ।
नवाब ने घोड़े के व्यापारी को बुलाकर कारण जानना चाहा व्यापारी ने कहा कि बचपन में इस घोड़े कि माँ मर गई थी तो इसे भैंस का दूध पिलाकर पाला है जिस से इसके जिगर में गर्मी हो गई है ।
नवाब ने बुजुर्ग के तजुर्बे से खुश होकर इनाम में उसे एक पाव आटा और दे दिया । अब बुजुर्ग को तीन पाव आटा रोज का मिलने लगा।
एक बार बैठे बैठे नवाबसाहब के दिमाग में खुराफ़ात आयी कि बुजुर्ग से में अपनी बेगम के बारे में क्यों न पूछूं?
नवाब ने बुजुर्ग को बुलाकर कहा कि आप बहुत तजुर्बे कार हैं, आप मेरी बेग़म के बारे में भी बताएँ।
बुजुर्ग ने कहा ठीक है आप बेग़म साहिबा को बिलकुल नंगा कर के एक कमरे में बैठा दें तो में बेग़म साहिबा के बारे में बता सकता हूँ।
नवाब को बहुत अटपटा लगा लेकिन क्योंकि सवाल खुद उसी ने किया था तो कर भी क्या सकता था लिहाजा नवाब ने वैसा ही किया।
बेग़म को नंगा करके एक कमरे में बैठा दिया गया। बुजुर्ग ने जैसे ही कमरे का दरवाजा खोला बेग़म अंदर को भाग गई । बुजुर्ग वापस आया और नवाब को बताया कि आपकी बेग़म किसी तवायफ़ की बेटी लगती है।
नवाब ने अपनी सास को बुलाकर कुछ सख्ती से पूछा तो उसने बताया कि उनकी कोई औलाद नहीं थी इस लिए उन्होंने इस बेटी को एक तवायफ़ से गोद लिया था ।
नवाब ने बुजुर्ग से पूछा कि तुम्हें कैसे पता चला कि बेग़म किसी तवायफ़ की बेटी है तो बुजुर्ग ने जवाब दिया किसी भी नंगी औरत के सामने जाने पर औरत अपने अंगों को छिपा कर सिकुड़ कर बैठ जाती है पर बेग़म साहिबा मुझे देखते ही भाग गई थी ।
नबाव ने बुजुर्ग के तजुर्बे से खुश होकर उसको इनाम में एक पाव आटा और दे दिया । अब बुजुर्ग को एक किलो आटा रोज का मिलने लग गया।
एक दिन नबाव ने बुजुर्ग को बुला कर पूछा कि अब आप मुझे मेरे बारे में कुछ बताइए बुजुर्ग ने बेझिझक कहा आप तो किसी बनिए के बेटे हो ।
नवाब को सुन कर गुस्सा भी आया और हैरानी भी हुई। नवाब उसी समय उठा और अपनी अम्मी हुजूर के पास गया।
तलवार अपनी गर्दन पर रख कर बोला कि अम्मी हुज़ूर सच सच बताइयेगा कि मैं किसका बेटा हूँ ? कौन हैं मेरे असल अब्बा हुजूर ?नहीं तो मैं अपनी जान ले लूँगा ।
नबाव की अम्मी डर गई ।उसे लगा कि बरसों पुराना ये राज़ किसी बांदी ने कुछ पैसों के लालच में नवाब को बक दिया है ।
उसने क़ुबूल किया और बताया कि- शादी के कुछ समय बाद से ही तुम्हारे अब्बा हुजूर रियासत के काम से बाहर कहीं लम्बे समय तक रहना पड़ा था।
यहाँ एक मुनीम रहता था। वो नौजवान था और मेरा बड़ा ख्याल रखता था एक दफ़े हमारे कदम कुछ बहक गए तो असल में तुम उसी की औलाद हो।
नवाब ने बुजुर्ग से आकर पूछा कि तुम्हें कैसे पता चला कि में बनिए का बेटा हूँ ?
बुजुर्ग ने जवाब दिया कि मैंने आप को लाख लाख टके की एक एक बात बताई और आप ने उसकी कीमत क्या रखी एक पाव आटा?
इसी से मुझे इस बात का पता चलता है कि आप बनिए के बेटे हो! नबाव ने बुजुर्ग के तजुर्बे से खुश होकर बुजुर्ग को अपने ख़ास सलाहकारों में शामिल कर लिया ।
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