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एक बहादुर लड़के और एक चील की मित्रता की कहानी

November 15, 2022 | by storykars

एक बहादुर लड़के और एक चील की कहानी

यह एक बहादुर लड़के  और एक चील की मित्रता की कहानी है। इस लोककथा को The land of eagles यानी चीलों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है । यह उस देश की लोककथा है जिसे आज हम अल्बानिया नाम से जानते हैं । सदियों से चलती चली आ रही यह लोककथा जिनकी दोस्ती ने एक पूरे राज्य का न सिर्फ निर्माण किया बल्कि उसे मजबूती भी दी।

 

यह बहुत पुराने समय की बात है।एक लड़का था जो बहुत बहादुर था । उसे तीर-कमान चलाना अच्छा लगता था और तीर-कमान चलाने का उसने खूब अभ्यास भी कर रखा था । वह अकेले जंगल में जाने से भी नहीं डरता था और इसीलिए अपने तीर-कमान लेकर शिकार के लिए अक्सर जंगलों-पर्वतों में चला जाया करता था ।

 

वहाँ वह निशानेबाजी का अभ्यास करता और हर दिन कुछ न कुछ नया सीखता । कई बार वह अपना पेट भरने के लिए भी तीर कमान लेकर पहाड़ों में शिकार करने के लिए जाया करता था।

 

एक दिन वह पूरी दोपहर शिकार की तलाश में पहाड़ों में भटकता रहा पर उसे कोई भी जानवर दिखाई नहीं दिया। लड़का उदास हो गया और सोचने लगा कि आज शायद उसे खाना नहीं मिलेगा, तभी अचानक उसे आसमान की ओर से कुछ आवाज सुनाई दी।

 

उसने ऊपर देखा तो पाया कि एक बड़ी सी चील एक सांप को पंजों में दबाये तेज़ी से उडती चली आ रही है। चील ने पंजों में दबे सांप को पहाड़ी में बने अपने घोंसले में छोड़ा और तुरंत नए शिकार की तलाश में निकल गई।

 

उत्सुकतावश लड़का चील के घोंसले की तरफ बढ़ने लगा। घोंसले के पास पहुँच कर उसने देखा कि वहाँ एक चील का बच्चा बैठा हुआ है और उसके सामने मरा हुआ सांप पड़ा है।

 

चील का बच्चा लड़के को बड़ा प्यारा लगा और वह चुपचाप उसे देखने लगा। अभी लड़का चील के बच्चे को निहार ही रहा था कि तभी सांप के शरीर में हरकत हुई और उसने अपना फन ऊपर उठाया।

 

सांप दरअसल मरा नहीं था। इससे पहले कि सांप चील के बच्चे को काट पाता, लड़के ने फुर्ती से अपना तीर कमान निकाला और एक ही निशाने में सांप को ढेर कर दिया।

 

लड़के ने सोचा कि चूंकि उसने चील के बच्चे की जान बचाई है, इसलिए इस पर अब उसका पूरा अधिकार है। उसने घोंसले के पास जाकर सावधानी से बच्चे को उठाया और अपने घर की ओर चल दिया।

 

अभी वह घर पहुँच नहीं पाया था कि तभी वह विशाल चील न जाने कहाँ से प्रकट हुई और उसके सिर के ऊपर आसमान में मंडराने लगी।

 

“तुमने मेरे बच्चे को क्यों उठाया ?” चील ने गुस्से से लड़के से पूछा।

 

“क्योंकि मैंने इसकी जान बचाई है, तुम जिस सांप को मरा हुआ समझ कर घोंसले में छोड़ गईं थीं दरअसल वो जिंदा था और तुम्हारे बच्चे को काटने वाला था !” लड़के ने चील से कहा।

 

यह सुनते ही चील का गुस्सा ठंडा पड़ गया। उसने लड़के से विनती करते हुए कहा – “तुम मुझे मेरा बच्चा सौंप दो। बदले में मैं अपनी तीक्ष्ण दृष्टि और शक्तिशाली पंखों से हमेशा तुम्हारी मदद करूंगी !”

 

लड़के ने चील के बच्चे को छोड़ दिया।

 

उस दिन के बाद से चील ने उस लड़के के प्रति अपनी एक जिम्मेदारी सी मान ली । अब लड़के को शिकार की तलाश में भटकना नहीं पड़ता था क्योंकि चील आकाश में उड़कर अपनी तेज दृष्टि से शिकार की तलाश करती और लड़के को बता देती।

 

धीरे धीरे लड़का बड़ा हुआ अपने इलाके का नामी शिकारी और योद्धा बन गया। उधर वह चील का बच्चा, जिसकी जान उस लड़के ने बचाई थी , वह भी बड़े होकर एक मजबूत और विशालकाय चील के रूप में विकसित हो गया ।

 

चील के उस बच्चे को उसकी चील माँ ने ये कहानी सुनाई और बड़े होकर वह चील का बच्चा भी उस लड़के का साथी बन गया और उसी के साथ रहने लगा ।

 

लड़के की बहादुरी से प्रभावित होकर एक दिन उस राज्य के लोगों ने उसे अपना राजा मान लिया। और चील उसके सैन्य अभियानों में उसकी पूरी सहायता करता।

 

उस लड़के ने भी चील के प्रेम के प्रति कृतज्ञता मानी । राजा बनने के बाद उसका नाम श्क्वीपर ( Shqipëtar )रखा गया, जिसका अर्थ अल्बानिया की भाषा में होगा है – चील का बेटा ।

 

श्क्वीपर आगे चल कर बहुत ही योग्य और शक्तिशाली राजा सिद्ध हुआ। उसका राज्य श्क्विपे (shquipe) अर्थात चीलों की भूमि (Land of Eagles) कहलाया।

 

चील की मदद से उसने जीवन भर अपने राज्य और लोगों की शत्रुओं से रक्षा की। आज भी आप अल्बानिया के राष्ट्र-ध्वज को देखेंगे तो उसमें चील का चित्र दिखाई देगा जो उस बहादुर राजा और चील की मित्रता का प्रतीक है।

 

अल्बानिया को आज भी आम बोल-चाल में Land of Eagles कहते हैं ।

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